जयपुर बचाओ-बचाओ: जयपुर के भांकरोटा इलाके में शुक्रवार सुबह एक एलपीजी टैंकर और ट्रेलर की टक्कर के बाद भीषण अग्निकांड हुआ। गैस रिसाव के बाद फैली आग में 4 दर्जन से ज्यादा वाहन जल गए और आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। स्थानीय निवासी लोगों ने जान की परवाह किए बिना कई घायलों को अस्पताल पहुँचाया और राहत कार्य में भी मदद की।
शुक्रवार 20 दिसंबर की सुबह जयपुर शहर के भांकरोटा इलाके में बड़ा अग्निकांड हुआ। एक LPG से भरा एक टैंकर हाईवे स्थित कट से यू टर्न ले रहा था। इसी दौरान सामने की ओर से आ रहे ट्रेलर ने LPG टैंकर को बहुत जोर टक्कर मार दी। हादसा होते ही LPG से भरे टैंकर से नोजल टूट गए और गैस बाहर फैलने लगी। बस कुछ ही सेकंड में आसपास के 200-300 मीटर के दायरे में LPG गैस फैल गई थी। गैस फैलने की वजह से हाईवे पर गैस के गुबार बन गए। ऐसे में बहुत सरे वाहन चालकों को दिखाई देना बंद हो गया। हाईवे पर चलने वाले वाहन आपस में टकराने लगे। बहुत वाहन बंद पड़ गए। बंद हुए वाहनों को वापस स्टार्ट करने की कोशिश के दौरान निकली चिंगारी से अचानक आग लग गई। चूंकि LPG चारों और फैल चुकी थी। ऐसे में 200-300 मीटर के क्षेत्र में जहां तक गैस फैली हुई थी। वहां सब कुछ जलने लगा और पूरा आसमान लाल हो गया। जिससे पूरा जयपुर सुलग उठा।
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स्थानीय लोग बने देवदूत, कई घायलों को पहुंचाया अस्पताल
अजमेर रोड़ पर जहां यह अग्निकांड हुआ। वहां से कुछ ही दूरी पर गढवालों की ढाणी है। इस ढाणी में रहने वाले लोग सुबह मॉर्निंग वॉक कर रहे थे। वे लोग खुद अजमेर रोड पर ही थे। अचानक जोरदार धमाका होने और आग के गुब्बार दिखाई देने पर वहाँ के लोग घबरा गए। लोगो की आंखों के सामने कई वाहन जलते हुए दिखाई दिए। मौके पर चीख पुकार मच गई थी। चूंकि तब तक गैस का रिसाव हो रहा था और आग आगे फैल रही थी। ऐसे में लोगो ने हाईवे पर खड़े होकर वाहनों को रोक दिया।
लोगो ने बताया कि आग की लपटों में से कुछ लोग भागते हुए नजर आए तो वहाँ के लोग मदद के लिए आगे बढे। झुलसी हालत में जो लोग खेतों की ओर भाग रहे थे। उन्हें संभाल कर अपनी गाड़ी में बैठाया और अस्पताल के लिए रवाना किया। तब तक स्थानीय पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंच गए और झुलसे लोगों को पुलिस वालों ने भी निजी वाहनों से अस्पताल के लिए रवाना किया। हादसे के स्थान से बचाओ बचाओ की चीखें और रोने की आवाज़ सुनाई दे रही थी। गैस की आग कम पर लोग और कुछ पुलिसकर्मी जले हुए वाहनों के पास पहुंचे। कांपते हाथों से झुलसे हुए लोगों को बाहर निकालना शुरू किया और निजी वाहनों से स्थानीय अस्पताल भेजना शुरू किया। कुछ घायलों को कन्दोई और धुलेट हॉस्पिटल पहुंचाया। इतने में कुछ एम्बुलेंस भी मौके पर पहुंची तो झुलसे हुए लोगों को निजी वाहनों से एम्बुलेंस में शिफ्ट करके एसएमएस अस्पताल के लिए रवाना किया।
वहाँ के लोगों ने पहली बार देखा ऐसा मंजर
देवदूत बनकर आए स्थानी लोगो का कहना है कि वह रोजाना की तरह सुबह 5 बजे अपनी ढाणी से निकलते है। वॉक करने के बाद वह हाईवे के किनारे खुले स्थान पर कसरत कर रहे है। इसी दौरान अचानक जोरदार धमाका हुआ। धमाके के साथ ही आग का बड़ा गुबार आसमान की ओर उठता हुआ नजर आया। लोगो ने बताया कि ऐसा भयानक मंजर उन्होंने अपनी आंखों से पहली बार देखा। वर्ष 2009 में जयपुर के सीतापुरा में हुई इंडियन ऑयल डिपो के हादसे और वर्ष 2014 में चंदवाजी में हुए ब्यूटाडाइन गैस टैंकर हादसे के बारे में सुना था और अखबारों में तस्वीरें भी देखी थी लेकिन ऐसे भीषण हादसे को पहली बार अपनी आंखों के सामने होता देखा। लोग बताते हैं कि हादसे के भयानक नजारे ने उन्हें झनझोर कर रख दिया है। शायद ही इसे भूल पाना मुमकिन हो।