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Hindenburg Research: की नई रिपोर्ट का असर Share Market में गिरावट, कौन हैं माधवी पूरी और धवल बुच

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DTN

Hindenburg Research: की रिपोर्ट के बाद शेयर मार्किट का हाल आज भी बुरा है जहां Sensex 350 पोइंट्स गिरे वहीं nifty भी 24300 के नीचे से खुला है अब देखना ये है के गिरावट ऐसे ही होते दिन भर होते रहेंगे या सुधर भी होगा।

Share Market: भारतीय शेयर बाजार में आज गिरावट के साथ शुरुआत हुई है । अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म Hindenburg Research की नई रिपोर्ट जो 10 अगस्त को सोशल मीडिया x (ट्विटर ) पे शेयर किया गया था उसमे SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उसके पति धवल बुच पर लगे आरोपों के बाद सनसनी मच गई है। शेयर मार्केट ज्यादा डाउन ना हो इसके इसके लिए रविवार (11 अगस्त 2024) को सेबी की तरफ से एक एडवाइजरी भी जारी की गई थी ताकि निवेशकों को नुकसान न हो और वो अफवाहों पे ध्यान न दे लेकिन इस एडवाइजरी का कुछ ज्यादा असर देखने को नहीं मिल रहा।

क्या है Hindenburg Research का आरोप ?

Hindenburg Research: हिंडनबर्ग रिसर्च अमेरिका की एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी है यानि की अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म, भारतीय समय के हिसाब से सुबह 5:34am तारीख 10 अगस्त 2024 को ट्विटर यानि x पे पोस्ट किया था “भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है(Something big soon India)”। उसके बाद ठीक रात को उसी दिन 9:57pm को नया ट्वीट आया जिसमे लिखा था

“NEW FROM US:Whistleblower Documents Reveal SEBI’s Chairperson Had Stake In Obscure Offshore Entities Used In Adani Money Siphoning Scandal”

और पोस्ट के निचे रिपोर्ट लिंक उसके वेबसाइट का दिया गया था। आये जानते है आसान भाषा में क्या है Hindenburg Research का रिपोर्ट यानि आरोप जो उसने SEBI चीफ माधबी पुरी बुच पे लगाए हैं।

शनिवार रात करीब 10 बजे को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक और पोस्ट करते हुए और अपनी इससे संबंधित रिपोर्ट यानि वेबसाइट का लिंक शेयर करते हुवे खुलासा किया है की अडानी ग्रुप और SEBI चीफ के बीच लिंक होने का दावा किया है हिंडनबर्ग ने साथ ही हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि व्हिसलब्लोअर(Whistleblower Documents) से मिले दस्तावेजों से पता चलता है की जिन ऑफशोर संस्थाओं(Offshore Entities) का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI अध्यक्ष माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) की हिस्सेदारी थी।

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हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने रिपोर्ट में व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए लिखा है कि सेबी की चेयरपर्सन माधवी बुच और उनके पति ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना खाता खोला और अडानी फंड हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी साथ ही आईआईएफएल(IIFL) के एक प्रिंसिपल के द्वारा हस्ताक्षरित फंड की घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्रोत सैलरी है और दंपति की कुल निवेश 10 मिलियन डॉलर तक अंदाज़ लगाया गया है और ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन(india infoline) के माध्यम से अडानी समूह(Adani group) के एक निदेशक ने की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है। समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंडों को नियंत्रित करते थे। आरोप है कि इन फंडों का इस्तेमाल हेराफेरी करने और समूह के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया था। आप को बता दें कि ऐसे फंड जो विदेशी बाजारों में निवेश करते हैं, उन्हें ऑफशोर फंड(Offshore Entities) कहते हैं। इन्हें विदेशी या फिर अंतरराष्ट्रीय फंड भी कहते हैं।

हिंडनबर्ग Hindenburg ने रिपोर्ट में कहा है कि “उसने इससे पहले यह नोटिस किया था कि नियामक के द्वारा हस्तक्षेप के जोखिम के बाद भी अडानी समूह पूरे विश्वास के साथ अपने काम को जारी रखा था। इसे ऐसा लगता है कि सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) और अडानी समूह के बीच कोई संबंध है।

हालांकि माधबी पूरी बुच ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया और इसको सिरे से खारिज किया और कहा:

‘हमारे खिलाफ 10 अगस्त, 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए सारे आरोपों के संदर्भ में सिर्फ यह कहना चाहते हैं कि ये सारे आरोप निराधार और बेबुनियाद है मैं दृढ़ता से खंडन करती हूँ ‘

“इनमें कोई भी सच्चाई नहीं है और हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब की तरह है जो हमने पिछले कुछ वर्षों में सेबी को पहले ही दिए जा चुके हैं”

Hindenburg Research हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है?

हिंडनबर्ग रिसर्च Hindenburg Research अमेरिका की एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) ने की थी। इस कंपनी का काम इक्विटी, क्रेडिट, फाइनेंसियल और डेरिवेटिव्स को एनालाइज करते हैं और रिपोर्ट अपने वेबसाइट पे अपलोड करते हैं। कंपनी के नाम के पीछे भी रोचक कहानी है। यह किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी या फिर वित्तीय गड़बड़ी हेरा फेरी का भी पता लगाती है। इसके बाद उस कंपनी और गड़बड़ी की रिपोर्ट पब्लिश करती है। आप को याद होगा पिछले साल जनवरी, 2023 में अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट में Adani Group पर बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट कदाचार, हेरा फेरी और शेयर-कीमत में हेरफेर का आरोप लगाया गया था। अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर आसमान से जमीन पर आ गए थे। लगातार कई दिनों तक शेयर गिरते रहे थे।

कौन हैं धवल बुच ‘Who is Dhaval Buch’?

Madhabi Puri Buch: माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच एक पॉपुलर बड़ी इनवेस्टमेंट कंपनी ब्लैकस्टोन(Blackstone) जो की अमेरिकन बेस्ड कंपनी है और अल्वारेज़ एंड मार्शल(Alvarez & Marsal) में सलाहकार(Consultant) हैं। वो गिल्डेन के बोर्ड में नॉन एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी हैं। ये सब जानकारी उनके लिंक्डइन(Linkedin) प्रोफाइल के मुताबिक़ है और एजुकेशन आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई की है। उन्होंने यहां से 1984 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन की थी। धवल बुच यूनिलीवर में एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी रह चुके हैं और कंपनी के चीफ प्रॉक्यूरमेंट ऑफिसर यानि की CPO भी बने।

कौन हैं माधवी पूरी बुच (Madhabi Puri Buch)?

माधबी पुरी बुच भारत में सेबी की पहली महिला अध्यक्ष हैं, उन्होंने ये पदभार मार्च 2022 से शुरू किया था, अपनी स्कूल की पढ़ाई पहले मुंबई में फोर्ट कॉन्वेंट स्कूल और फिर नई दिल्ली में कॉन्वेंट ऑफ जीसस मैरी स्कूल से की, इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन्स कॉलेज में मैथेमेटिक्स से ग्रेजुएशन ऑनर्स किया, फिर IIM अहमदाबाद से एमबीए MBA कम्पलीट किया। माधबी पुरी बुच ने साल 1989 में आईसीआईसीआई(ICICI) बैंक के साथ अपने करियर की शुरुआत की, 12 साल के कैरियर में उन्होंने कई कंपनियों के सेल्स, मार्केटिंग और प्रोडक्ट डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में अपनी सेवाएं दी।

  • साल 2006 – 2011 तक उन्होंने ICICI Securities में बतौर MD और CEO की जिम्मेदारी भी निभाई।
  • साल 2011 में सिंगापुर में ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल एलएलपी में बड़े पोस्ट पे कार्य भार संभाला।
  • साल 2013 – 2017 तक उन्होंने न्यू डेवलपमेंट बैंक में एडवाइजर(Consultant) काम किया
  • साल 2017 में उन्हें सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया था।

 

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