Sleeping Mood क्या आपने कभी यह अनुभव किया है कि भले ही आप रातभर 8-10 घंटे की अच्छी नींद लेते हैं। Sleeping Mood फिर भी दिनभर आलस्य और सुस्ती बनी रहती है। खासकर जब मौसम बदलता है जैसे ठंड का मौसम या बरसात, नींद पूरी होने के बावजूद भी शरीर थका-थका सा लगता है। यह समस्या कई लोगों को होती है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है।
यह भी पढ़े: Platynothrus peltifer: अद्भुत जीव, जो लगभग 20 मिलियन साल से बिना सेक्स किए जिन्दा है।
Sleeping Mood मौसम और नींद का संबंध
मौसम का हमारे शरीर पर गहरा असर पड़ता है। ठंड के दिनों में सूरज देर से निकलता है और जल्दी ढल जाता है। जिससे हमारे शरीर की जैविक घड़ी प्रभावित होती है। कम धूप मिलने से शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है। जिससे हमें अधिक नींद महसूस होती है।
गर्मी और उमस के दिनों में भी शरीर जल्दी थक जाता है। जिससे दिनभर सुस्ती बनी रहती है। इसी तरह, बारिश के मौसम में हवा में नमी अधिक होती है। जिससे शरीर थकान महसूस करता है।
लाइफस्टाइल और आदतें
यदि आपकी दिनचर्या सुस्त है और आप अधिक शारीरिक गतिविधि नहीं करते हैं। तो आपका शरीर दिनभर थका हुआ महसूस कर सकता है। लंबे समय तक स्क्रीन देखने। मोबाइल का उपयोग करने या अधिक कैफीन लेने से भी आपकी नींद पर असर पड़ सकता है।
यह भी पढ़े: DeepSeek AI 2025: Student के लिए होने वाला है खास, भविष्य का सर्च इंजन, नई तकनीक के साथ
Sleeping Mood समस्या से छुटकारा कैसे पाएं?
धूप में समय बिताएं: सुबह की धूप में थोड़ी देर टहलें, इससे आपके शरीर को ऊर्जा मिलेगी।
हाइड्रेटेड रहें: पूरे दिन पर्याप्त पानी पिएं।
हेल्दी डाइट लें: आयरन, विटामिन B12 और D से भरपूर भोजन करें।
रात में अच्छी नींद लें: सोने से पहले मोबाइल और लैपटॉप से दूर रहें।
शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं: एक्सरसाइज और योग करें ताकि आपका शरीर सक्रिय बना रहे।
डिजिटल डिटॉक्स करें
आजकल ज्यादातर लोग सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी का इस्तेमाल करते हैं। इससे स्क्रीन की ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित करती है। जिससे नींद की गुणवत्ता में कमी आती है। यदि आप दिनभर ऊर्जावान रहना चाहते हैं। तो सोने से कम से कम 30-60 मिनट पहले स्क्रीन का उपयोग बंद कर दें।
Sleeping Mood सही सोने का तरीका अपनाएं
आपका सोने का तरीका भी आपकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। कोशिश करें कि सोते समय आपका शरीर सीधा हो और गर्दन और पीठ को पर्याप्त सपोर्ट मिले। बहुत ऊंचा या बहुत सपाट तकिया इस्तेमाल करने से गर्दन में दर्द और खराब नींद की समस्या हो सकती है।
सही समय पर सोना और जागना
अगर आप रोज अलग-अलग समय पर सोते और उठते हैं। तो आपका शरीर भ्रमित हो सकता है। एक निश्चित समय पर सोने और जागने की आदत डालें। ताकि आपकी बॉडी क्लॉक सही तरीके से काम करे।
सुबह उठते ही सही आदतें अपनाएं
अगर आप सुबह उठते ही सुस्ती महसूस करते हैं। तो इसका कारण गलत आदतें हो सकती हैं। जैसे कि –
लेट तक बिस्तर में पड़े रहना: सुबह उठते ही बिस्तर में ज्यादा देर तक पड़े रहने से आलस्य बढ़ जाता है।
फोन चेक करना: उठते ही मोबाइल देखने से दिमाग पर तुरंत बोझ पड़ता है, जिससे ताजगी महसूस नहीं होती।
सुबह सही तरीके से स्ट्रेचिंग न करना: शरीर को जगाने के लिए हल्की स्ट्रेचिंग या योग करना बहुत फायदेमंद होता है।
अगर आप दिनभर ऊर्जावान रहना चाहते हैं। तो सुबह उठते ही कुछ हेल्दी आदतें अपनाएं, जैसे कि –
- ताजे पानी से चेहरा धोना
- एक गिलास गुनगुना पानी पीना
- हल्की एक्सरसाइज या योग करना
- धूप में कुछ समय बिताना
नींद से जुड़ी बीमारियों पर ध्यान दें
अगर आपने अपनी लाइफस्टाइल सुधारने के बाद भी दिनभर सुस्ती और नींद महसूस हो रही है। तो यह किसी नींद से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है
सोने से पहले एक अच्छा रूटीन बनाएं
अगर आप रात को अच्छी नींद लेना चाहते हैं। तो सोने से पहले कुछ रिलैक्सिंग आदतें अपनाएं। जैसे कि –
- गर्म पानी से स्नान करना
- धीमी रोशनी में कुछ समय बिताना
- कोई हल्की किताब पढ़ना
- धीमी म्यूजिक सुनना
- डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना
शरीर की जैविक घड़ी को संतुलित करें
हमारा शरीर एक प्राकृतिक घड़ी (Biological Clock) के हिसाब से काम करता है। अगर आपकी सोने और जागने की टाइमिंग सही नहीं है। तो यह घड़ी गड़बड़ा सकती है, जिससे दिनभर नींद महसूस होती है।
इसलिए कोशिश करें कि –
- हर दिन एक ही समय पर सोएं और जागें
- बहुत देर रात तक जागने से बचें
- वीकेंड पर भी अपनी नींद का समय ज्यादा न बदलें
माइंडफुलनेस और मेडिटेशन करें
अगर आपका दिमाग बहुत ज्यादा एक्टिव रहता है और आपको सोने में दिक्कत होती है। तो माइंडफुलनेस और मेडिटेशन से मदद मिल सकती है। यह आपके तनाव को कम करता है और गहरी नींद लेने में मदद करता है।